भारत जैसे स्वस्थ लोकतंत्र में जनता हरदम विकल्प तलाश करती है। अरविंद केजरीवाल एक ऐसे ही विकल्प बनकर उभरे थे। केजरीवाल ने कांग्रेस और भाजपा से बराबर दूरी रखने का वादा किया और जनता ने उनके इस विचार को हाथोंहाथ ले भी लिया। पहले उन्हें तीन बार दिल्ली की सत्ता सौंपी, फिर पंजाब की सत्ता भी उन्हें दी, लेकिन क्या वह अपना वादा बरकरार रख पाए...! इस मसले पर आपस में बात कर रहे हैं दिल्ली से जीइंडियान्यूज.कॉम के संपादक ललित सिंह गोदारा और मीडियाभारती.नेट के संपादक धर्मेंद्र कुमार।