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Dharmendra Kumar

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कच्चतीवू बन सकता है श्रीलंका से संघर्ष की वजह...!
23-04-2024
कच्चतीवू बन सकता है श्रीलंका से संघर्ष की वजह...!
क्या कच्चतीवू मामला श्रीलंका के साथ संघर्ष की वजह बन सकता है? इस मामले का भारत और श्रीलंका के संबंधों पर पड़ने वाले असर के बारे में बता रहे हैं वरिष्ठ पत्रकार ब्रज खंडेलवाल। ब्रज खंडेलवाल देश के वह पहले पत्रकार हैं, जिन्होंने कच्चतीवू को श्रीलंका के हवाले किए जाने के विरोधस्वरूप सबसे पहले दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका डाली थी, जिसे साल 1971 के युद्ध की वजह से लगाए गए आपातकाल की वजह से यह कहकर खारिज कर दिया गया कि उस समय सभी प्रकार के मूल नागरिक अधिकारों पर पाबंदी है। उनसे बात कर रहे हैं मीडियाभारती.नेट के संपादक धर्मेंद्र कुमार।
कच्चतीवू का तमिल राजनीति पर यह होगा असर...
05-04-2024
कच्चतीवू का तमिल राजनीति पर यह होगा असर...
कच्चतीवू मामले से एक तरफ जहां राष्ट्रवादी राजनीति को अतिरिक्त मजबूती मिलेगी, वहीं स्थानीय तमिल राजनीति को एक जोरदार झटका भी लग सकता है। इस मामले का तमिल राजनीति पर पड़ने वाले असर के बारे में बता रहे हैं, वरिष्ठ पत्रकार ब्रज खंडेलवाल। ब्रज खंडेलवाल देश के वह पहले पत्रकार हैं, जिन्होंने कच्चतीवू को श्रीलंका के हवाले किए जाने के विरोधस्वरूप सबसे पहले दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका डाली थी, जिसे साल 1971 के युद्ध की वजह से लगाए गए आपातकाल की वजह से यह कहकर खारिज कर दिया गया कि उस समय सभी प्रकार के मूल नागरिक अधिकारों पर पाबंदी है। उनसे बात कर रहे हैं मीडियाभारती.नेट के संपादक धर्मेंद्र कुमार।
बांग्लादेश व कच्चतीवू मामले में यह है अंतर...
04-04-2024
बांग्लादेश व कच्चतीवू मामले में यह है अंतर...
इंदिरा गांधी द्वारा कच्चतीवू द्वीप को श्रीलंका के हवाले कर दिए जाने व बांग्लादेश के साथ हुए सीमावर्ती गांवों के लेन-देन समझौते में क्या अंतर है, तथा मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पास इस मामले में उपलब्ध विकल्प और इस मसले को उठाने के पीछे उनकी मंशा के बारे में बता रहे हैं वरिष्ठ पत्रकार ब्रज खंडेलवाल। ब्रज खंडेलवाल देश के वह पहले पत्रकार हैं, जिन्होंने कच्चतीवू को श्रीलंका के हवाले किए जाने के विरोधस्वरूप सबसे पहले दिल्ली उच्च न्यायालय में याचिका डाली, जिसे साल 1971 के युद्ध की वजह से लगाए गए आपातकाल की वजह से यह कहकर खारिज कर दिया गया कि उस समय सभी प्रकार के मूल नागरिक अधिकारों पर पाबंदी है। उनसे बात कर रहे हैं मीडियाभारती.नेट के संपादक धर्मेंद्र कुमार।