“क्योंकि तुम ही हो, मेरी आशिक़ी अब तुम ही हो...."

Ek Geet Sau Afsane

12-07-2022 • 14 mins

आलेख : सुजॉय चटर्जी

स्वर : निमिषा सिंघल

प्रस्तुति : संज्ञा टण्डन

नमस्कार दोस्तों, ’एक गीत सौ अफ़साने’ की एक और कड़ी के साथ हम फिर हाज़िर हैं। फ़िल्म-संगीत की रचना प्रक्रिया और विभिन्न पहलुओं से सम्बन्धित रोचक प्रसंगों, दिलचस्प क़िस्सों और यादगार घटनाओं को समेटता है ’रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ का यह साप्ताहिक स्तम्भ। विश्वसनीय सूत्रों से प्राप्त जानकारियों और हमारे शोधकार्ताओं के निरन्तर खोज-बीन से इकट्ठा किए तथ्यों से परिपूर्ण है ’एक गीत सौ अफ़साने’ की यह श्रॄंखला। आज के अंक के लिए हमने चुना है वर्ष2013 की चर्चित फ़िल्म ’आशिक़ी-2’ का गीत "क्योंकि तुम ही हो"। अरिजीत सिंह की आवाज़, मिथुन के बोल, और मिथुन का ही संगीत। जब ’आशिक़ी’ फ़िल्म के रीमेक की बात चली तब इसके गीत-संगीत पक्ष को लेकर क्या-क्या तर्क़-वितर्क़ चले? नई फ़िल्म और मूल फ़िल्म के शीर्षक गीत में कैसा फ़र्क़ और कैसी समानतायें महसूस की गईं? इस गीत के दो संस्करणों के निर्माण के पीछे कौन सी कहानी छुपी है? ये सब आज के इस अंक में।