TERA - MERA HAI PYAAR AMAR

DHADKANE MERI SUN

06-08-2024 • 21 mins

तू वो ग़ज़ल है मेरी

जिसमें तेरा होना तय है
तू वो नज्म है मेरी
जिसमें आज भी तेरी मौजूदगी तय है
इसलिये नहीं... कि...
तू मेरी दस्तरस में है
बल्कि इसलिये...कि...
तू आज भी मेरी नस - नस में है
इसलिए हो चाहे ये कितना ही लंबा सफ़र
ना थकेगा ना रुकेगा ये कारवाँ
ना छूटेगी ये डगर
क्यों कि...
तेरा मेरा है प्यार अमर.....।