तू वो नज्म है मेरी
जिसमें आज भी तेरी मौजूदगी तय है
इसलिये नहीं... कि...
तू मेरी दस्तरस में है
बल्कि इसलिये...कि...
तू आज भी मेरी नस - नस में है
इसलिए हो चाहे ये कितना ही लंबा सफ़र
ना थकेगा ना रुकेगा ये कारवाँ
ना छूटेगी ये डगर
क्यों कि...
तेरा मेरा है प्यार अमर.....।