Vo... Lamhe the bheege bheege

DHADKANE MERI SUN

03-08-2024 • 30 mins

ज़रा आँखों में मोहब्बत की तिश्नगी पिरोईये

फिर हसरतों को सावन की मस्तियों में भिगोईये
और फिर देखिये-ऐसे लगेगा जैसे....
कहीं बारिश की हर बूंद में प्यार बरस रहा है
तो कहीं दौर-ए-मोहब्बत की पुरानी यादों में
भीगा तन मन बूंद बूंद को तरस रहा है.