StoryJam | Listen to stories you always wanted to read! | Hindi Urdu Audio Stories for Kahani lovers

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क्या आपको कहानी सुनना अच्छा लगता है? स्टोरीजैम में सुनिए कहानियां, कुछ जानी पहचानी, कुछ अनजानी. प्रेमचंद के गाँव हो या मन्नू भंडारी का कनाट प्लेस, भीष्म साहनी का पंजाब या फणीश्वर नाथ रेनू का बिहार, देश भर की चुनिंदा कहानियां आप यहाँ सुन सकते हैं तो सुनो कहानी स्टोरीजैम में आरती की ज़ुबानी ! I read aloud stories/ kahaniyan to you. Stories that are sometimes well known, sometimes lesser known, always memorable! From Premchand to Mannu Bhandari, Bhisham Sahani to Renu, you're sure to find a story that will stay with you forever. read less
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Mujhe Chand Chahiye | Surendra Verma | मुझे चाँद चाहिए | सुरेंद्र वर्मा Hindi Kahani | Audio Stories | StoryJam
15-11-2024
Mujhe Chand Chahiye | Surendra Verma | मुझे चाँद चाहिए | सुरेंद्र वर्मा Hindi Kahani | Audio Stories | StoryJam
Varsha Vashisht speaks her mind, calmly and clearly. Just the way girls her age and of her social background were not supposed to. When Surendra Verma created her character in 1993, little could he have known that Varsha would continue to speak to women years after her character was born on the pages of “Mujhe Chand Chahiye”. For Varsha takes ‘birth’ not as an infant but as a teenaged girl, who decides she doesn’t want the humdrum life that everyone around her leads and so must create a life for herself. One that is of her own liking. वर्षा वशिष्ठ बड़ी शांति और स्पष्टता से अपनी बात कहती हैं, ऐसे जैसे उसकी उम्र और उसकी सामाजिक पृष्ठभूमि की लड़कियों को नहीं करना चाहिए। जब सुरेंद्र वर्मा ने 1993 में वर्षा का किरदार बनाया था, तो शायद उन्होंने सोचा भी नहीं होगा कि वर्षों बाद भी वो किरदार इतना प्रासंगिक रहेगा। वर्षा एक शिशु के रूप में नहीं बल्कि एक किशोर लड़की के रूप में 'जन्म' लेती है, जो निर्णय लेती है कि वह वह नीरस जीवन नहीं चाहती जो उसके आस-पास के सभी लोग जीते हैं और इसलिए उसे अपने लिए एक जीवन रचना होगा, ऐसा जीवन जो उसकी अपनी पसंद का हो। premchand,storyjam,shortstories,hindi stories,urdu kahani,urdu stories,audio stories,short stories,bedtime stories,hindi sahitya,hindi kahani achchi achhi,urdu kahaniyan,hindi kahani,hindi kahaniyan,kahani,radio kahani,audio kahani,audible,kahani achchi achchi,bed time stories,stories for kids,radio stories,hindi,course ki stories,stories in hindi,mujhe chand chahiye,surendra verma,NSD,National School of Drama,Girl Story,Women Stories
Shah Mohammad Ka Tanga | Ali Akbar Natiq | शाह मोहम्मद का ताँगा | अली अकबर नातिक़ | Urdu Hindi Story
03-11-2024
Shah Mohammad Ka Tanga | Ali Akbar Natiq | शाह मोहम्मद का ताँगा | अली अकबर नातिक़ | Urdu Hindi Story
Ali Akbar Natiq was born in a village in the Punjab province of Pakistan, where he received his initial education. Later due to financial constraints he started to work as a mason, and became skilled at building domes, mosques and minarets. His love for education, literature and history specifically, had him complete his BA and MA degrees privately. He read Arabic books brought for him by his father Iraq and Kuwait where he worked. In 1998, Natiq lived in the Middle East for some time as a laborer. Natiq’s experiences from his life in the village, as a mason and later as a laborer in the middle east come to life in his stories, that are at once poignant, tender and deeply moving. ----- अली अकबर नातिक़ का जन्म पाकिस्तान के पंजाब के ओकारा ज़िले में हुआ था । उनके पूर्वज 20वीं सदी के अंत में लखनऊ के पास फ़ैज़ाबाद से पंजाब के फ़िरोज़पुर में जा बेस थे। 1947 में भारत के विभाजन में वे पाकिस्तान चले गए और ओकारा में बस गए। नातिक़ ने अपने गांव के हाई स्कूल से मैट्रिक तक की पढ़ाई की और ओकारा के गवर्नमेंट कॉलेज से एफए की परीक्षा पास की। आर्थिक स्थिति ठीक ना होने के कारण, उन्होंने काम करना शुरू कर दिया। साथ ही मुल्तान के बहाउद्दीन ज़कारिया विश्वविद्यालय से निजी तौर पर बीए और एमए की डिग्री की पढ़ाई की। कुछ साल बाद, नातिक़ ने राजमिस्त्री का काम करना शुरू किया और गुंबद, मीनारें और मस्जिद बनाने में कुशलता हासिल की। उर्दू साहित्य और इतिहास में उनकी रुचि बनी रही और उन्होंने अरबी की किताबें भी पढ़ीं जो उनके पिता इराक और कुवैत से लाए थे, जहाँ वे काम पर जाते थे। जब भी उन्हें काम से फुर्सत मिलती, वे पढ़ाई में व्यस्त हो जाते। 1998 में, वे कुछ समय के लिए सऊदी अरब और मध्य पूर्व में मजदूर के रूप में भी रहे। उन्होंने इस यात्रा में बहुत कुछ सीखा।आज नातिक़ पाकिस्तान के सबसे बेहतरीन लेखकों में से जाने जाते हैं। उनकी कहानियाँ कई अंतरराष्ट्रीय पत्रिकाओं और किताबों में छपी हैं।
Rabbi |Naresh Kaushik | रब्बी | नरेश कौशिक Hindi Kahani | Urdu Kahani | Audio Stories | Storyjam
04-10-2024
Rabbi |Naresh Kaushik | रब्बी | नरेश कौशिक Hindi Kahani | Urdu Kahani | Audio Stories | Storyjam
The stories of losing home are the most profoundly disturbing. Yet these “stories” are the reality of millions of people across the world, everyday. Today there are over 117.3 million people who have been forcibly displaced from their homes. We forget and we repeat ad infinitum the same patterns of greed, revenge and loss. And yet, in the midst of this unspeakable sadness, there is a glimmer of hope- not offered by politicians, big institutions or organizations, but in the basic decency and humanity of a common man, who against all odds, decides to do what is right. ------------------------- अपने घर से विस्थापित हो जाने की कहानी सिर्फ़ एक दर्दनाक कहानी नहीं। ये आज दुनिया के करोड़ों लोगों की वास्तविकता है। लालच, प्रतिशोध और पीड़ा के चक्रव्यूह में से ना निकल पाने वाले मानव समुदाय की सच्चाई भी है। लेकिन फिर भी, इस अकथनीय दुःख के बीच, आशा की एक किरण है - राजनेताओं, बड़े संस्थानों या संगठनों में नहीं, बल्कि एक आम इंसान की बुनियादी शालीनता और मानवता में। ------------------------ Listen to Hindi kahaniyan and Urdu Kahaniyan by famous as well as lesser known writers. You will find here stories from everyone from Premchand to Ismat Chughtai ; Suryabala to Mohan Rakesh, Kaleshwar and Mannu Bhandari.
कैसा था प्रेमचंद का बचपन? | क़लम का सिपाही (अंश) | अमृत राय | Qalam Ka Sipahi (Excerpt)| Hindi Urdu Audio Stories
20-09-2024
कैसा था प्रेमचंद का बचपन? | क़लम का सिपाही (अंश) | अमृत राय | Qalam Ka Sipahi (Excerpt)| Hindi Urdu Audio Stories
If Premchand was looking down from the heavens above at school kids across Hindi speaking India, reading the same two or three stories of his, with the teacher blaring ‘morals’ at the end of class, he would be appalled. In popular imagination over the last seventy five years, Premchand’s writing has come to mean stories set against a depressing poverty stricken rural backdrop, melodramatic stories with intense emotions …and nothing could be farther from the truth. We have done a huge disservice to Premchand and to literature in general by relegating him to textbooks and impassive classroom lectures.   In the brilliantly written biography of his father Amrit Rai talks not only about Premchand’s works but places him in the socio-cultural context of his time, drawing from a variety of sources. In doing so we see a 360 degree Premchand- writer, activist, progressive, satirist, husband and father. ___________________________ स्वर्गवासी प्रेमचंद अगर ऊपर आसमान से हिंदी भाषी भारत भर के स्कूली बच्चों को उनकी वही दो या तीन कहानियाँ पढ़ते देख रहे होते, और देखते की कैसे शिक्षक कक्षा के अंत में कैसे 'नैतिकता' का ढिंढोरा पीट रहे हैं, तो वे चकित रह जाते। पिछले पचहत्तर वर्षों में लोकप्रिय कल्पना में, प्रेमचंद के लेखन का अर्थ निराशाजनक, गरीबी से त्रस्त ग्रामीण पृष्ठभूमि पर आधारित कहानियाँ हैं ... लेकिन ये बात सच्चाई से बहुत दूर है  हमने प्रेमचंद को पाठ्य पुस्तकों और भावहीन कक्षा व्याख्यानों तक सीमित करके आम तौर पर प्रेमचंद और साहित्य के प्रति बहुत बड़ा अहित किया है।   अपने पिता की शानदार ढंग से लिखी गई जीवनी में अमृत राय न केवल प्रेमचंद के रचनाशिल्प के बारे में बात करते हैं, बल्कि विभिन्न स्रोतों से उन्हें अपने समय के सामाजिक-सांस्कृतिक संदर्भ में रखते हैं। ऐसा करते हुए हमें प्रेमचंद की एक संपूर्ण तस्वीर देखने को मिलती है- प्रेमचंद लेखक, कार्यकर्ता, प्रगतिशील, व्यंग्यकार, पति और पिता के रूप में।  मुंशी प्रेमचंद का जीवन परिचय : धनपत राय श्रीवास्तव जिन्हे साहित्य प्रेमी प्रेमचंद के नाम से जाने जाते हैं,  हिन्दी और उर्दू के शायद सबसे अधिक  लोकप्रिय रचनाकार हैं । उन्होंने सेवासदन, प्रेमाश्रम, रंगभूमि, निर्मला, गबन, कर्मभूमि, गोदान आदि लगभग डेढ़ दर्जन उपन्यास तथा कफन, पूस की रात, पंच परमेश्वर, बड़े घर की बेटी, बूढ़ी काकी, दो बैलों की कथा आदि तीन सौ से अधिक कहानियाँ लिखीं। उनके उपन्यास सुर कथाएं हिन्दी तथा उर्दू दोनों भाषाओं में प्रकाशित हुईं। अपने दौर की सभी प्रमुख उर्दू और हिन्दी पत्रिकाओं जमाना, सरस्वती, माधुरी, मर्यादा, चाँद, सुधा आदि में भी उन्होंने लिखा।वे हिन्दी समाचार पत्र जागरण तथा साहित्यिक पत्रिका हंस के संपादक और प्रकाशक भी रहे। इसके लिए उन्होंने सरस्वती प्रेस खरीदा जो बाद में घाटे में रहा और बन्द करना पड़ा। प्रेमचंद फिल्मों की पटकथा लिखने मुंबई भी गए  और लगभग तीन वर्ष तक रहे। वे जीवन के अंतिम दिनों तक वे साहित्य सृजन में लगे रहे।
Beta Kiska | Vijaydan Detha | बेटा किसका ? | विजयदान देथा | Rajasthan | Hindi Story | Audio Story
09-08-2024
Beta Kiska | Vijaydan Detha | बेटा किसका ? | विजयदान देथा | Rajasthan | Hindi Story | Audio Story
Vijaydan Detha, popularly knowne as “Bijji”, spent several decades collecting folk stories from in and around his village Borunda in rajasthan. In their retelling his stories straddled myths and legends, reality and fantasy, observation and a commentary on the world of his beloved Rajasthan.   His work received national and international acclaim – he was awarded the Padma Shri, the Rajasthan Ratna Award and the Sahitya Akademi Award among various others.  विजयदान देथा, जिन्हें "बिज्जी" के नाम से जाना जाता है, ने राजस्थान में अपने गाँव बोरुंदा और उसके आसपास से लोक कहानियाँ एकत्र करने में कई दशक बिताए। उनकी कहानियों में मिथक और किंवदंतियाँ, वास्तविकता और कल्पना, अवलोकन और उनके प्रिय राजस्थान पर एक टिप्पणी शामिल है।  उनके काम को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रशंसा मिली - उन्हें कई अन्य पुरस्कारों के अलावा पद्म श्री, राजस्थान रत्न पुरस्कार और साहित्य अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। Beta Kiska? - Vijaydan Detha  Translation: Kailash Kabir बेटा किसका ? - विजयदान देथा अनुवाद - कैलाश कबीर Many of his stories and novels have been adapted for the stage and the screen including Mani Kaul's Duvidha (1973), Habib Tanvir and Shyam Benegal's Charandas Chor (1975), Prakash Jha's Parinati (1986), Amol Palekar's Paheli (2005), Pushpendra Singh's The Honour Keeper (2014), Dedipya Joshii's Kaanchli Life in a Slough(2020), Pushpendra Singh's Laila aur Satt Geet (2020) ---- जीवन परिचय लोक कथाओं एवं कहावतों का अद्भुत संकलन करने वाले पद्मश्री विजयदान देथा की कर्मस्थली उनका पैथृक गांव बोरुंदा दा ही रहा तथा एक छोटे से गांव में बैठकर अन्तर्राष्ट्रीय स्तर के साहित्य का सृजन किया। राजस्थानी लोक संस्कृति की प्रमुख संरक्षक संस्था रूपायन संस्थान (जोधपुर) के सचिव देथा का जन्म 1 सितंबर 1926 को बोरूंदा में हुआ। प्रारम्भ में 1953 से 1955 तक बिज्जी ने हिन्दी मासिक प्रेरणा का सम्पादन किया। बाद में हिन्दी त्रैमासिक रूपम, राजस्थानी शोध पत्रिका परम्परा, लोकगीत, गोरा हट जा, राजस्थान के प्रचलित प्रेमाख्यान का विवेचन, जैठवै रा सोहठा और कोमल कोठारी के साथ संयुक्त रूप से वाणी और लोक संस्कृति का सम्पादन किया। विजयदान देथा की लिखी कहानियों पर दो दर्जन से ज़्यादा फ़िल्में बन चुकी हैं, जिनमें मणि कौल द्वारा निर्देशित 'दुविधा' पर अनेक राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय पुरस्कार मिल चुके हैं। इसके अलावा वर्ष 1986 में उनकी कथा पर चर्चित फ़िल्म निर्माता-निर्देशक प्रकाश झा द्वारा निर्देशित फिल्म परिणीति काफ़ी प्रभावित हुई है। राजस्थान साहित्य अकादमी 1972-73 में उन्हें विशिष्ट साहित्यकार के रूप में सम्मानित कर चुकी है।[1]'दुविधा' पर आधारित हिंदी फिल्म 'पहेली' में अभिनेता शाहरुख खान और रानी मुखर्जी मुख्य भूमिकाओं में थे। यह उनकी किसी रचना पर बनी अंतिम फिल्म है।[2] रंगकर्मी हबीब तनवीर ने विजयदान देथा की लोकप्रिय कहानी 'चरणदास चोर' को नाटक का स्वरूप प्रदान किया था और श्याम बेनेगल ने इस पर एक फिल्म भी बनाई थी। Listen to Hindi kahaniyan and Urdu Kahaniyan by famous as well as lesser known writers. You will find here stories from everyone from Premchand to Ismat Chughtai ; Suryabala to Mohan Rakesh, Kaleshwar and Mannu Bhandari.
Mughalon Ne Sultanat Baksh Di | Bhagwati Charan Verma| मुग़लों ने सल्तनत बक्श दी | भगवतीचरण वर्मा |
21-06-2024
Mughalon Ne Sultanat Baksh Di | Bhagwati Charan Verma| मुग़लों ने सल्तनत बक्श दी | भगवतीचरण वर्मा |
मुग़लों ने अपनी सल्तनत अंग्रेज़ों को कब और कैसे बक्शी, ये जानिए गप्पबाज़ हीरो जी से। लेकिन अगर वाकयी हिंदुस्तान पर अंग्रेज़ी हुकूमत के पीछे की कहानी पता लगानी है तो William Dalrymple और Anita Anand की podcast 'Empire' सुनिए यहाँ - https://open.spotify.com/show/0sBh58hSTReUQiK4axYUVx?si=659c1a5311b94616 Thumbnail Art: Title: Shah 'Alam, Mughal Emperor (1759–1806), Conveying the Grant of the Diwani to Lord Clive, August 1765Artist: Benjamin West  (1738–1820) भगवतीचरण वर्मा की लिखी और कहानियां यहाँ सुनिए - छेह आने का टिकट - https://www.youtube.com/watch?v=A2saxt8KRFw वसीयत-https://youtu.be/hZ4KnyxR8EU दो बांके- https://youtu.be/8cVo5NQAhbk ------------------------------------ भगवती चरण वर्मा  का जीवन परिचय /Bhagwati Charan Verma ka Jeevan Parichay भगवती चरण वर्मा का जन्म उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले में हुआ था। उन्होंने प्रयागराज से बी॰ए॰, एल॰एल॰बी॰ की डिग्री प्राप्त की लेकिन उनकी रूचि कविता लेखन में थी । फिर उपन्यासकार के रूप में वे विख्यात हुए। वर्मा जी ने 1936 के करीब फिल्म कारपोरेशन, कलकत्ता में कार्य भी किया। ‘विचार’ नामक साप्ताहिक के प्रकाशन-संपादन के बाद बंबई में फिल्म-कथालेखन उन्होंने किया। इसके उपरांत  दैनिक ‘नवजीवन’ का सम्पादन, फिर आकाशवाणी के कई केंन्दों में कार्य भी वर्मा जी ने किया।  उनके उपन्यास ‘चित्रलेखा’  पर दो बार फिल्म-निर्माण हुआ। पद्मभूषण तथा राज्यसभा की मानद सदस्यता भी उन्हें प्राप्त हुई।    -------- Listen to Hindi kahaniyan and Urdu Kahaniyan by famous as well as lesser known writers. You will find here stories from everyone from Premchand to Ismat Chughtai ; Suryabala to Mohan Rakesh, Kaleshwar and Mannu Bhandari. Youtube channel, you can listen to Hindi and Urdu Stories by famous writers of Hindi sahitya/ literature. Here you will find stories and poetry by great authors of Hindi and Urdu. Some of these are classics and others are rare gems that you may never have heard or read. There are works by well known writers such as Premchand, Sharat Chandra, Manto, Ismat Chughtai, Mohan Rakesh, Phanishwar Nath Renu, Mannu Bhandari, Harishankar Parsai. Some are rare works by Dilip Kumar, Balraj Sahani and Gulzar. ----- Meet me at these Social Media links: Facebook : https://www.facebook.com/StoryjamArti Instagram : @arti_storyjam My podcast on other platforms: Spotify open.spotify.com/show/0rG7ez0Pku1MuWhfvo6Dtz Apple Podcasts podcasts.apple.com/us/podcast/storyjam-hindi-urdu-audio-stories/id1513845846 Gaana.com gaana.com/podcast/storyjam-hindi-urdu-audio-stories-season-1 RadioPublic radiopublic.com/storyjam-GmywpN Pocket Casts pca.st/rwdymlsd Overcast overcast.fm/itu #Hindi #StoryJam #Bhagwaticharanvermachitralekha #chitralekha #bhagwaticharanverma #upanyas #kahaniyan
Raag Darbari | Shrilal Shukla | राग दरबारी | श्रीलाल शुक्ल | Hindi Kahani | Audio Stories | StoryJam
07-06-2024
Raag Darbari | Shrilal Shukla | राग दरबारी | श्रीलाल शुक्ल | Hindi Kahani | Audio Stories | StoryJam
Shrilal Shukla was a civil servant and a very observant one too! What he saw around him the hinterlands of Uttar Pradesh and in the corridors of power in big cities gave him ample material for his rich life as a writer. Rural decay and urban apathy, all found their way in his satirical novels. The best known of which remains ‘Raag Darbari’. The novel inspired a TV serial in its time. Some say the current hit webseries Panchayat too has a Raag Darbari flavor. ------------------------------------- एक आईएएस अधिकारी के रूप में श्रीलाल शुक्ल ने उत्तर प्रदेश के भीतरी इलाकों और बड़े शहरों में सत्ता के गलियारों में जो देखा, उससे उन्हें अपने व्यंगात्मक लेखन के लिए पर्याप्त सामग्री मिली। ग्रामीण पतन और शहरी उदासीनता, सभी ने उनके उपन्यासों में जगह पाई। उनके उपन्यासों में सबसे प्रसिद्ध है  'राग दरबारी' है। बहुत साल पहले इस उपन्यास पर एक टीवी सीरियल भी बना था। कुछ लोगों का कहना है कि मौजूदा हिट वेबसीरीज पंचायत में भी राग दरबारी का सा रस है।
Sarkari Ghar| Ajay Jugran | सरकारी घर | अजेय जुगरान | Hindi Urdu Kahani | Audio Stories | StoryJam
24-05-2024
Sarkari Ghar| Ajay Jugran | सरकारी घर | अजेय जुगरान | Hindi Urdu Kahani | Audio Stories | StoryJam
There are some relationships that have copious amounts written about them, and then there are a handful that we seldom read about. One such is that of a father-in-law and daughter-in-law. In India their conversations are seldom spoken about, often buried under the heavy burden of familial hierarchy. This story by Ajay Jugran offers a glimpse of tender affection and respect between a daughter-in-law and her father-in-law, in a story steeped in a bygone era in a misty small town. ------------------ कुछ रिश्ते ऐसे होते हैं जिनके बारे में बहुत कुछ लिखा गया है, और फिर कुछ रिश्ते ऐसे होते हैं जिनके बारे में हम शायद ही कभी पढ़ते हैं। ऐसा ही एक रिश्ता है ससुर और बहू का। भारत में उनकी बातचीत अक्सर पारिवारिक परम्पराओं के भारी बोझ के नीचे दबी रहती है। अजय जुगरान की यह कहानी एक छोटे शहर में, एक बीते युग में, एक बहू और उसके ससुर के बीच कोमल स्नेह और सम्मान की झलक पेश करती है। ----------------- Listen to Hindi kahaniyan and Urdu Kahaniyan by famous as well as lesser known writers. You will find here stories from everyone from Premchand to Ismat Chughtai ; Suryabala to Mohan Rakesh, Kaleshwar and Mannu Bhandari. #hindi #sahitya #shortStories #storytelling
Fence Ke Idhar Aur Udhar | Gyanranjan | फेंस के इधर और उधर | ज्ञानरंजन Hindi Kahani | Audio Stories
10-05-2024
Fence Ke Idhar Aur Udhar | Gyanranjan | फेंस के इधर और उधर | ज्ञानरंजन Hindi Kahani | Audio Stories
1960’s was an era of literary experimentation and introspection. The stories often reflected on the juggernaut of rapid urbanisation and the social changes transforming post-independence India. Gyanranjan, despite having written far fewer stories than his contemporaries became one of the most popular names in Sathotri Sahitya (literature of the 60’s). This story is an example of psychoanalytic writing that was a distinct departure from themes of traditional stories until then. --------- 1960 का दशक साहित्यिक प्रयोग और आत्मनिरीक्षण का युग था। कहानियाँ अक्सर तेजी से बढ़ते शहरीकरण और आज़ादी के बाद के भारत में आए सामाजिक बदलावों को प्रतिबिंबित कर रही थी। ज्ञानरंजन, अपने समकालीनों की तुलना में बहुत कम कहानियाँ लिखने के बावजूद, साढोत्तरी साहित्य (60 के दशक का साहित्य) में सबसे लोकप्रिय नामों में से एक बन गए। यह कहानी मनोविश्लेषणात्मक लेखन का एक उदाहरण है जो उस समय तक की पारंपरिक कहानियों के विषयों से अलग था। #hindi #hindikahani #storyjam #sahitya #psychology
नेताजी कहिन | मनोहर श्याम जोशी | Netaji Kahin | Satire | Manohar Shyam Joshi | Hindi Audio Story
13-04-2024
नेताजी कहिन | मनोहर श्याम जोशी | Netaji Kahin | Satire | Manohar Shyam Joshi | Hindi Audio Story
देश का राजनैतिक तापमान बढ़ता जा रहा है। इस पसीने छुड़ा देने वाली रस्साकशी के माहौल में दो पल रुक कर मीठे व्यंग का शरबत पीजिये। और हाँ, एक सहानुभूति भरी नज़र ज़रा उस छुटभैये नेता की ओर भी जिसका भविष्य हर इलेक्शन से पहले थाली में कंचे सा डोलता है। As the mercury rises on the nation’s elections, we are all sure to get caught in the crossfire of barbs and brickbats between parties…but for now let's pause a second to smile and savor the forgotten sweetness of a well worded satire. And if you think you have it bad, give a thought to the poor small time neta, whose future rolls around like a marble on a plate, with every election. Manohar Shyam Joshi मनोहर श्याम जोशी ने भारतीय टेलीविज़न को बहुत सी यादगार कहानियां दी- हम लोग, बुनियाद, मुंगेरी लाल के हसीन सपने इत्यादि। आधुनिक हिन्दी साहित्य के  गद्यकार, उपन्यासकार, व्यंग्यकार, पत्रकार होने के साथ साथ वे  जनवादी-विचारक, फिल्म पट-कथा लेखक,  संपादक, कुशल प्रवक्ता तथा स्तंभ-लेखक थे। उपन्यास कुरु कुरु स्वाहा -1980 कसप - 1982 हरिया हरक्युलिस की हैरानी - 1994 हमज़ाद - 1996 टा टा प्रोफ़ेसर -2001 कयाप - 2001 कौन हूँ मैं - 2006 कपीशजी - 2009 वधस्थल - 2009 उत्तराधिकारिणी - 2015 दूरदर्शन धारावाहिक हमलोग बुनियाद कक्का जी कहिन मुंगेरी लाल के हसीन सपनें हमराही ज़मीन आसमान गाथा हिन्दी फ़िल्में हे राम पापा कहते हैं अप्पू राजा भ्रष्टाचार Listen to Hindi kahaniyan and Urdu Kahaniyan by famous as well as lesser known writers. You will find here stories from everyone from Premchand to Ismat Chughtai ; Suryabala to Mohan Rakesh, Kaleshwar and Mannu Bhandari.
Manto | Saadat Hasan Manto | Manto writes about himself | मंटो | एक आत्मकथ्य | Audio Story |
15-03-2024
Manto | Saadat Hasan Manto | Manto writes about himself | मंटो | एक आत्मकथ्य | Audio Story |
Much has been written about Manto. In his times, he was perhaps talked about more than his written works. Dragged into court, condemned by the custodians of culture, ridiculed by the scholars of “serious literature”, Manto lived and wrote as he pleased. He was asked why he wrote and he replied with a honest and witty article, “Main afsana kyunkar likhta hun”. Then he one upped himself by writing a critique of the article and of himself as a writer. --------------------------- Manto was incorrigible! Nothing could make him stop writing about the world as he saw it for as long as he lived. Not six court cases of obscenity, not the partition of his beloved nation and the difficult decision to move to Pakistan, not the abject poverty that drove him to near homelessness, not the bid of well-wishers to admit him to a mental asylum (meant to cure alcoholism). He lived till he wrote and then when he was told he couldn’t write anymore, he died. What he wrote about were taboo subjects, how he wrote them was taboo too. He was rebuked and ostracised but he continued imbuing all his characters- the pimps, prostitutes, lunatics, free spirited women- with the very same dignity that was denied to him. ------------------------- उर्दू लेखक, सआदत हसन मंटो (11 मई 1912 – 18 जनवरी 1955) अपने बेबाक लेखन के लिए जाने गए. कहानियों में अश्लीलता के आरोप मंटो पर लगे और उन्हें छह बार अदालत जाना पड़ा था, लेकिन ये आरोप कभी सिद्ध नहीं हुए. वे अपनी लघु कथाओं, बू, खोल दो, ठंडा गोश्त और चर्चित टोबा टेकसिंह के लिए प्रसिद्ध हुए।कहानीकार होने के साथ-साथ मंटो फिल्म और रेडिया पटकथा लेखक और पत्रकार भी थे। सिर्फ इक्कीस साल के लेखन में, उन्होंने बाइस लघु कथा संग्रह, एक उपन्यास, रेडियो नाटक के पांच संग्रह, रचनाओं के तीन संग्रह और व्यक्तिगत रेखाचित्र के दो संग्रह प्रकाशित कर डाले ------------------------------ ----Social Media Links: ---- Facebook : https://www.facebook.com/StoryjamArti Instagram : @arti_storyjam Club House : @artijain ----------------------------------- ---------------------------------------- My podcast on other platforms: Spotifyopen.spotify.com/show/0rG7ez0Pku1MuWhfvo6Dtz Apple Podcastspodcasts.apple.com/us/podcast/storyjam-hindi-urdu-audio-stories/id1513845846 Gaana.comgaana.com/podcast/storyjam-hindi-urdu-audio-stories-season-1 RadioPublicradiopublic.com/storyjam-GmywpNPocket Castspca.st/rwdymlsd Overcastovercast.fm/itu #Hindi #StoryJam #hindikavita #Urdupoetry #urdu #mantoiyat #tobateksingh #manto #mantokikahani #mantokikahaniyan #progressivewriters
Ve Zari Ke Phool | Suryabala | वे ज़री के फूल | सूर्यबाला | Hindi Kahani | Audio Story
01-03-2024
Ve Zari Ke Phool | Suryabala | वे ज़री के फूल | सूर्यबाला | Hindi Kahani | Audio Story
नमस्कार, मेरा नाम आरती है और में Storyjam में हर हफ्ते आपको सुनाती हूँ हिंदी में एक कहानी। अगर आप को कहानियां सुनना अच्छा लगता हैं , तो इस चैनल को सब्सक्राइब ज़रूर करें। धन्यवाद! सूर्यबाला जी का जन्म 25 अक्टूबर 1944 को वाराणसी में हुआ। वे एक लेखिका और व्यंगकार के रूप में सुप्रसिद्ध हैं। अपने जन्मस्थान वाराणसी से सूर्यबाला जी की बहुत सी यादें जुड़ी हैं, जो उनकी कहानियों में गलियों, मोहल्लों के वर्णन में दिखलाई देती हैं। उनका बचपन बड़े ही लाड़-प्यार में धार्मिक, सांस्कृतिक क्रियाकलापों में ही बीता। सूर्यबाला जी की माँ, श्रीमती केशरकुमारी एक आदर्श गृहिणी थी और पिता, स्व. श्री वीरप्रतापसिंह श्रीवास्तव जिला विद्यालय में निरीक्षक पद पर कार्यरत थे। उनके माता-पिता दोनों शिक्षित तथा हिंदी, उर्दू तथा अंग्रेजी भाषा के ज्ञता थे।डॉ. सूर्यबाला जी ने ‘रीति साहित्य’ में काशी हिंदू विश्वविद्यालय के बड़े विद्वान तथा समीक्षक डॉ. बच्चन सिंह के निर्देशन में अपना शोध कार्य पूर्ण किया परिवार और माता-पिता के आदर्शों का गहरा प्रभाव सूर्यबाला जी पर पड़ा और लेखन औरज्ञान साधना उन्हें हमेशा भाइ। डॉ. सूर्यबाला जी ने ‘रीति साहित्य’ में काशी हिंदू विश्वविद्यालय के विद्वान तथा समीक्षक डॉ. बच्चन सिंह के निर्देशन में अपना शोध कार्य पूर्ण किया। सूर्यबाला जी कीअनेक रचनाओं को आकाशवाणी, दूरदर्शन एवं धारावाहिकों में प्रसारित किया गया है और उनकी अनेक रचनाओं का अंग्रेजी, उर्दू, मराठी, बंगाली, पंजाबी, तेलुगु, कन्नड़ आदि भाषाओं में अनुवाद भी हुआ है। #hindi #kahani,#hindisahitya,#kahani,#kavita,#Sahitya,#sunokahani,#podcast,#hindipodcast,#radiokahani,#hindiradio,#urdu #poetry,#urdushayari,#urdukahani,#kisse,#audible,#audio, storytelling in hindi,suryabala,#suryabalakahani,#love,l#ovestory,suryabala ki kahaniyan,#Firstlove,#wedding #story