"सात अजूबे इस दुनिया में आठवीं अपनी जोड़ी...."

Ek Geet Sau Afsane

21-06-2022 • 12 mins

आलेख : सुजॉय चटर्जी

स्वर :  मीनू सिंह

प्रस्तुति : संज्ञा टण्डन

नमस्कार दोस्तों, ’एक गीत सौ अफ़साने’ की एक और कड़ी के साथ हम फिर हाज़िर हैं। फ़िल्म-संगीत की रचना प्रक्रिया और विभिन्न पहलुओं से सम्बन्धित रोचक प्रसंगों, दिलचस्प क़िस्सों और यादगार घटनाओं को समेटता है ’रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ का यह साप्ताहिक स्तम्भ। विश्वसनीय सूत्रों से प्राप्त जानकारियों और हमारे शोधकार्ताओं के निरन्तर खोज-बीन से इकट्ठा किए तथ्यों से परिपूर्ण है ’एक गीत सौ अफ़साने’ की यह श्रॄंखला। आज के अंक के लिए हमने चुना है वर्ष1977 की चर्चित फ़िल्म ’धरम वीर’ का गीत "सात अजूबे इस दुनिया में आठवीं अपनी जोड़ी"। मोहम्मद रफ़ी और मुकेश की आवाज़ें, आनन्द बक्शी के बोल, और लक्ष्मीकान्त-प्यारेलाल का संगीत। रफ़ी साहब और मुकेश जी का साथ में गाया पहला और आख़िरी डुएट कौन से थे? इस गीत के शुरुआती मुखड़े में गायकों की आवाज़ों और फ़िल्मांकन में कैसी गड़बड़ी हुई? गीत के एक अन्तरे को लेकर महिला समितियों ने विरोध प्रदर्शन क्यों किया? और इस विरोध के चलते अन्तरे के शब्दों में किस तरह के बदलाव किए गए? ये सब, आज के अंक में।