“बिन तेरे सनम मर मिटेंगे हम...."

Ek Geet Sau Afsane

18-10-2022 • 14 mins

शोध व आलेख : सुजॉय चटर्जी

स्वर : शुभ्रा ठाकुर

प्रस्तुति : संज्ञा टण्डन

नमस्कार दोस्तों, ’एक गीत सौ अफ़साने’ की एक और कड़ी के साथ हम फिर हाज़िर हैं। फ़िल्म-संगीत की रचना प्रक्रिया और विभिन्न पहलुओं से सम्बन्धित रोचक प्रसंगों, दिलचस्प क़िस्सों और यादगार घटनाओं को समेटता है ’रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ का यह साप्ताहिक स्तम्भ। विश्वसनीय सूत्रों से प्राप्त जानकारियों और हमारे शोधकार्ताओं के निरन्तर खोज-बीन से इकट्ठा किए तथ्यों से परिपूर्ण है ’एक गीत सौ अफ़साने’ की यह श्रॄंखला। आज के अंक के लिए हमने चुना है वर्ष 1991 की चर्चित फ़िल्म ’यारा दिलदारा’ का गीत "बिन तेरे सनम मर मिटेंगे हम"। उदित नारायण और कविता कृष्णमूर्ति की आवाज़ें, मजरूह सुल्तानपुरी के बोल, और जतिन-ललित का संगीत। जतिन-ललित से पहले जतिन के साथ किस संगीतकार की जोड़ी हुआ करती थी? फ़िल्म ’यारा दिलदारा’ के लिए जतिन के जोड़ीदार ललित कैसे बने? इस गीत से पहले निर्माता निर्देशक मिर्ज़ा ब्रदर्स के लिए जतिन ने कौन से काम किए? इस गीत के हिट होने का श्रेय ललित किसे मानते हैं? क्या हुआ जब एक रोज़ ललित ऑटोरिक्शे  में जा रहे थे और रेडियो पर यही बज उठा? ये सब आज के इस अंक में।