“तेरे लिए हम हैं जिये...."

Ek Geet Sau Afsane

25-10-2022 • 11 mins

शोध व आलेख : सुजॉय चटर्जी

स्वर : मीनू सिंह

प्रस्तुति : संज्ञा टण्डन

नमस्कार दोस्तों, ’एक गीत सौ अफ़साने’ की एक और कड़ी के साथ हम फिर हाज़िर हैं। फ़िल्म-संगीत की रचना प्रक्रिया और विभिन्न पहलुओं से सम्बन्धित रोचक प्रसंगों, दिलचस्प क़िस्सों और यादगार घटनाओं को समेटता है ’रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ का यह साप्ताहिक स्तम्भ। विश्वसनीय सूत्रों से प्राप्त जानकारियों और हमारे शोधकार्ताओं के निरन्तर खोज-बीन से इकट्ठा किए तथ्यों से परिपूर्ण है ’एक गीत सौ अफ़साने’ की यह श्रॄंखला। आज के अंक के लिए हमने चुना है वर्ष 2004 की चर्चित फ़िल्म ’वीर ज़ारा’ का गीत "तेरे लिए हम हैं जीये"। लता मंगेशकर और रूप कुमार राठौड़ की आवाज़ें, जावेद अख़्तर के बोल, और मदन मोहन का संगीत। निधन के तीस साल बाद कैसे मदन मोहन बने ’वीर ज़ारा’ के संगीतकार? इस गीत की धुन तीस साल पहले किस गीत के लिए रची गई थी? लता मंगेशकर द्वारा ’वीर ज़ारा’ के गीतों को गाने से पहले कैसी शंका मन में उठी थी? फ़िल्म में उदित नारायण और सोनू निगम द्वारा शाहरुख़ ख़ान का प्लेबैक दिए जाने के बावजूद ख़ास इस गीत के लिए रूप कुमार राठौड़ को क्यों चुना गया? ये सब आज के इस अंक में।