“तेरे प्यार का आसरा चाहता हूँ...."

Ek Geet Sau Afsane

19-04-2022 • 12 mins

आलेख : सुजॉय चटर्जी

स्वर :  दीप्ति अग्रवाल

प्रस्तुति : संज्ञा टण्डन

’एक गीत सौ अफ़साने’ की एक और कड़ी के साथ हम फिर हाज़िर हैं। फ़िल्म-संगीत की रचना प्रक्रिया और विभिन्न पहलुओं से सम्बन्धित रोचक प्रसंगों, दिलचस्प क़िस्सों और यादगार घटनाओं को समेटता है ’रेडियो प्लेबैक इण्डिया’ का यह साप्ताहिक स्तम्भ। विश्वसनीय सूत्रों से प्राप्त जानकारियों और हमारे शोधकार्ताओं के निरन्तर खोज-बीन से इकट्ठा किए तथ्यों से परिपूर्ण है ’एक गीत सौ अफ़साने’ की यह श्रॄंखला। आज के अंक के लिए हमने चुना है वर्ष1959 की फ़िल्म ’धूल का फूल’ का गीत "तेरे प्यार का आसरा चाहता हूँ"। लता मंगेशकर और महेन्द्र कपूर की आवाज़ें, साहिर लुधियानवी के बोल, और एन. दत्ता का संगीत।Sound Recordist कौशिक साहब की किस बात पर यश चोपड़ा साहब को बिलकुल यकीन नहीं हुआ? ’धूल का फूल’ फ़िल्म के गीतों को मोहम्मद रफ़ी और महेन्द्र कपूर में बाँटने का फ़ैसला क्यों किया गया और गाने कैसे बाँटे गए? गीत की लम्बी अवधि को लेकर किस तरह की बहस हुई यश जी और साहिर साहब के बीच? गीत की रेकॉर्डिंग पर महेन्द्र कपूर साहब क्यों नर्वस हो गए? ये सब, आज के अंक में।