आशीष अपनी नई प्रेमिका से मिलने जा रहा है....तभी अंकुर उससे पूछता है कि आखिर अब ये कौन है? क्योंकि आशीष आये दिन नई गर्ल फ्रेंड बना लेता है. वह एक प्लेबॉय टाइप इंसान हैं. वह कभी भी एक गंभीर रिश्ते में नहीं आता है और ख़ास तौर पर शादी से नफरत करता है क्योंकि उसकी माँ ने उसके पिता को धोखा दिया था. एक दिन आशीष हड़बड़ाते हुए ऑफिस में घुसता है और अंकुर को बताता है कि उसके पिता ने एक वसीयत बनाई है जिसमें कहा गया है कि आशीष के नाम पर घर और ऑफिस को छोड़कर उसकी सारी संपत्ति चैरिटी ट्रस्ट में जाएगी. अगर उसको सारी संपत्ति चाहिए तो उसको जल्द से जल्द शादी करनी होगी. आशीष, अंकुर को बोलता है कि वो उसके लिए झूठी शादी का इंतजाम करें...लेकिन इस कोशिश में आशीष और अंकुर की जिंदगी एक बुरे जंजाल में फंस जाएगी... आखिर क्या होगा झूठी शादी के बदले जायदाद पाने का नतीजा?