वो मार्क्सवादी थीं लेकिन लेनिन की विचारधारा से सहमत नहीं थीं. वो लेनिन का विरोध भी खुल कर करती थीं लेकिन उनके सम्मान में कोई कमी भी नहीं आने देती थीं. जन्मी वो पोलैंड में थीं, पढ़ाई उन्होंने स्विट्जरलैंड में की, बतौर पत्रकार वो जर्मनी में सक्रिय रहीं और पूरी दुनिया में वो क्रांतिकारी रोजा के नाम से जानी गईं. आज की कहानी रोजा लक्जमबर्ग की.