इतिहास पुराण की कथाएं Itihas Puran Ki Kathaye

Sutradhar

नमस्कार श्रोताओं ! सूत्रधार आपके लिए लेकर आया है, इतिहास पुराण पोडक्स्ट। इस पॉडकास्ट के माध्यम से हम आप सभी को अनेकों पौराणिक कथाओं से  जोड़ने वाले है।  ये कथाएं महाभारत, शिव पुराण, रामायण जैसे अनेकों ग्रंथों से ली गयी हैं।  हमारे इस पॉडकास्ट को आप सुन पाएंगे हर बुधवार वो भी अपने पसंदीदा ऑडियो प्लेटफार्म पर ! इसी के साथ आप सूत्रधार द्वारा बनाये गए और पोडकास्टस भी सुन सकते हैं।  जैसे की नल-दमयंती प्रेम कथा, मिनी टेल्स पॉडकास्ट, श्री राम कथा और वेद व्यास की महाभारत। मिलते हैं बुधवार में हमारे पहले एपिसोड के साथ।  Millions of listeners seek out Bingepods (Ideabrew Studios Network content) every day. Get in touch with us to advertise, join the network or click listen to  enjoy content by some of India's top audio creators. studio@ideabrews.com Android | Apple read less
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Episodes

Meghadoot Part-3 - Yaksh ki Patni (यक्ष की पत्नी)
12-10-2023
Meghadoot Part-3 - Yaksh ki Patni (यक्ष की पत्नी)
एक ओर यक्ष अपनी पत्नी को सन्देश भेजने के लिए मेघ को मनाने में लगा हुआ था और दूसरी ओर उसकी पत्नी विरह में व्याकुल हो रही थी। सौभाग्य से उसकी सखियाँ उसके इस दुःख को बाँटने के लिए हमेशा उपलब्ध होती थीं अन्यथा एकान्त में यक्ष की पत्नी अपने प्राणों का त्याग कर सकती थी।  यक्ष की प्रतीक्षा में अब तक कई माह गुज़ारते हुए उसकी पत्नी की काया क्षीण होने लगी थी। उसके होंठों का रंग फीका पड़ गया था। उसने बाल सँवारना बन्द कर दिए थे। लगातार रोने के कारण उसकी आँखें सूज चुकी थीं और उसके चेहरे पर बाल बिखरे हुए रहते थे। यक्ष की पत्नी ने अपने आभूषण त्याग दिए थे और उसके चेहरे पर आँसुओं की धार के निशान बन गए थे।
Janamejay Naag yagya Part-2 (उत्तंक ऋषि और तक्षक)
08-06-2023
Janamejay Naag yagya Part-2 (उत्तंक ऋषि और तक्षक)
तय नियति है तो होनी होगी वही बँध गए इसमें तो शेष परिणाम है जनमेजय का नागयज्ञ के पिछले अंक में आपने जाना कि किस तरह जनमेजय को सरमा ने शाप दिया और जनमेजय ने अपने पुरोहित की खोज कैसे की। इस अंक में हम चर्चा करेंगे कि किस तरह जनमेजय को नागयज्ञ करने की प्रेरणा मिली और उत्तंक का तक्षक से द्वेष कैसे हुआ।   महर्षि आयोदधौम्य के तीन शिष्य थे — उपमन्यु, आरुणि पांचाल तथा वेद। ऋषि वेद ने अपने गुरु आयोदधौम्य की आज्ञा का पालन करते हुए उनकी बहुत सेवा की जिसके परिणामस्वरूप वे स्नातक होकर गुरुगृह से लौट आए। गृहस्थाश्रम में आकर आचार्य वेद के पास तीन शिष्य रहा करते थे। उन्होंने कभी अपने शिष्यों से उस भाँति का कोई कार्य नहीं कराया था जो उन्हें अपनी छात्रावस्था में करना पड़ा। जनमेजय और पौष्य ने आचार्य वेद को अपना उपाध्याय बना लिया।
Janmeyjay nag yagya (जनमेजय नागयज्ञ)Part-1
01-06-2023
Janmeyjay nag yagya (जनमेजय नागयज्ञ)Part-1
महाभारत, कौरवों और पाण्डवों के बीच लड़ी गई अनोखी गाथा। लेकिन पाण्डवों के बाद कुरु वंश का क्या हुआ? यह एक ऐसा प्रश्न है जिसके प्रति बहुत लोगों की रुचि होगी। अर्जुन के पुत्र का नाम अभिमन्यु था और अभिमन्यु का पुत्र परिक्षित हुआ। परिक्षित के चार पुत्र हुए - जनमेजय, श्रुतसेन, उग्रसेन और भीमसेन।  शमीक ऋषि के साथ हुए वृत्तान्त के कारण उनके पुत्र श्रृंगी ऋषि ने परिक्षित को शाप दे दिया जिसके पश्चात तक्षक के दंश से परिक्षित की मृत्यु हो गई। इस कथा के विषय में जब जनमेजय को भान हुआ तो उन्होंने नागयज्ञ करने का मन बनाया जिसमें सभी नागों की आहुति दी जानी थी। नागों की यह दशा उन्हीं की माता के शाप के कारण होने वाली थी। हम महाभारत की जिस कथा को जानते हैं, यह कथा वैशम्पायन ऋषि ने जनमेजय के नागयज्ञ के दौरान ही सभी उपस्थित लोगों को सुनाई थी।